How to Make Money With Breakout Trading बुक समरी में हम ब्रेकआउट ट्रेडिंग की विशेषता, ट्रेडिंग प्रोसेस फॉलो करना, इंट्राडे मार्केट सेंटीमेंट को समझना, ऑप्शन ट्रेडिंग को जानना और ट्रेडिंग के जरुरी टूल्स का उपयोग करना सीखेंगे।
लेखक Indrazith Shantharaj द्वारा लिखित How to Make Money With Breakout Trading 2.0 बुक लोगों के प्रश्नों के जवाब पर लिखी गई है। ब्रेक आउट ट्रेडिंग को लेकर हमारे मन में उठने वाले, सभी प्रश्नों के जवाब यह बुक देती है। इस बुक में चार महत्वपूर्ण बातों का जिक्र किया है; पहली पोजीशनल ब्रेकआउट ट्रेडिंग, दूसरी इंट्राडे ब्रेक आउट ट्रेडिंग, तीसरी ऑप्शन ट्रेडिंग और चौथी नए ट्रेडर के लिए टेक्निकल एनालिसिस।
ट्रेडिंग से पैसा बनाने के लिए हमें ज्ञान के साथ, अभ्यास की आवश्यकता होती है। लेखक का कहना है कि इस बुक में बताए गए ट्रेडिंग सिस्टम को, ट्रेडिंग में उपयोग करने से पहले अभ्यास करना जरूरी है।
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How To Make Money With Breakout Trading 2.0 Book Summary Hindi |
ब्रेकआउट ट्रेडिंग की विशेषता
मार्केट के द्वारा किसी सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल को तोड़ना ब्रेकआउट कहलाता है। इसमें सपोर्ट तोड़ने पर बेयरिश ट्रेड लेते हैं, और रेजिस्टेंस तोड़ने पर बुलिश ट्रेड लेते हैं।
मार्केट में दो प्रकार के ब्रेकआउट होते हैं एक false ब्रेक आउट और दूसरा real ब्रेकआउट। ट्रेडर्स एक रियल ब्रेकआउट से पैसे बनाते हैं और वही एक फेल ब्रेक आउट से पैसे गवाते हैं। इसलिए false ब्रेकआउट से बचना जरूरी है। लेखक इसके लिए हमें चार रूल्स बताते हैं।
- एक बड़ी कैंडल; एक बड़ी कैंडल हमें स्मार्ट मनी शामिल होने के बारे में बताती है। जो ट्रेंड को ब्रेकआउट की दिशा में ले जाने की पावर रखती हैं।
- छोटा समय या स्माल कैंडल रेंज; कम समय या एक छोटी रेंज हमें यह बताती है कि इस ट्रेड में स्मार्ट मनी शामिल नहीं है। इसलिए इस ब्रेकआउट की चलने की उम्मीद कम है।
- दूसरी पार्टी का रिस्पांस कम होना; जितना कम अपोजिट पार्टी का रिस्पांस होगा, उतना अधिक ट्रेंड चलने की उम्मीद होगी।
- अच्छा वॉल्यूम होना; वॉल्यूम अधिक होने से इस बात की उम्मीद बढ़ जाती है कि यह ब्रेकआउट चल सकता है।
ट्रेडिंग प्लान फॉलो करना
ट्रेडिंग में हम क्या जानते हैं यह पैसे नहीं बनाता है। हम जो जानते हैं उसको ट्रेडिंग में किस प्रकार से उपयोग करते हैं यह पैसा बनाता है। इसलिए हम ट्रेडिंग में एक सिस्टम पर भी पैसा बना सकते हैं।
ब्रेकआउट जानना जरूरी नहीं है ब्रेक आउट से ट्रेड करके पैसा बनाना यह एक अलग बात है। इसलिए हम जो जानते हैं उसका ट्रेडिंग में उपयोग करना ट्रेड प्लान कहलाता है। लेखक ने हमें ट्रेड प्लान के कुछ रूल्स बताए हैं जो इस प्रकार है;
- एंट्री, स्टॉप लॉस और टारगेट ट्रेड लेने से पहले ही डिसाइड करके रखना है।
- 1:2 का रिस्क रिवार्ड लेकर ही ट्रेड लेना है अगर सेटअप 1:2 रिस्क रिवॉर्ड नहीं देता है तो ट्रेड छोड़ देना है और दूसरे ट्रेड का इंतजार करना है।
- ट्रेलिंग स्टॉप लॉस हमारे रिस्क को कम कर देता है। इसलिए हमें टारगेट हिट होने पर 75% प्रॉफिट ले लेना है और 25% चलने देना है।
- ट्रेडिंग में सबसे ज्यादा रिस्क मैनेजमेंट और मनी मैनेजमेंट मायने रखता है। इसलिए हमें यह पता होना चाहिए कि हम प्रत्येक ट्रेड में कितना रिस्क लेंगे और किस ट्रेड में कितनी ट्रेडिंग कैपिटल लगाएंगे।
- हमेशा अपने रूल्स के साथ Rigid रहिए और अपनी उम्मीदों को Flexible रखिए।
इंट्राडे मार्केट सेंटीमेंट
लेखक के अनुसार एक खुले दिमाग वाले ट्रेडर्स को मार्केट कई संकेत देता है। अगर ट्रेडर्स इन संकेतों को अपने सिस्टम में फॉलो करते हैं तो सिस्टम की प्रॉफिट बनाने की क्षमता बढ़ जाती है।
लेखक ने तीन तरीके बताए हैं जिससे हम मार्केट सेंटीमेंट का पता लगा सकते हैं। जिसमें Range Shift, Range Extension और Extremes शामिल है। जो कि इस प्रकार मार्केट में काम करते हैं;
- Range Shift बताता है कि बड़े ट्रेडर्स आज मार्केट को किस दिशा में ले जा रहे हैं।
- Range Extension बताता है कि मार्केट खुलने के 1 घंटे में बड़े ट्रेडर्स किस दिशा में ट्रेड कर रहे हैं।
- Extremes बताता है कि बड़े ट्रेडर्स मार्केट को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं और किस दिशा से बचा रहे हैं।
लेखक मार्केट सेंटीमेंट का पता करने के लिए एक और सिस्टम बताते हैं। जिसका नाम Bullish-Open-Type और Bearish-Open-Type है। इस सिस्टम के अनुसार जब मार्केट पिछले दिन के high और low के बाहर खुलता है, और एक full body candle या long rejection candle बनाकर opening दिशा में जाता है।
तो यह बताता है कि मार्केट जिस दिशा में खुला है उसी दिशा में अधिकतर समय रहेगा और अच्छा प्रॉफिट बनाने की संभावना भी उसी दिशा में है।
ऑप्शन ट्रेडिंग
ऑप्शन एक प्रकार का contract है। इसके अंतर्गत किसी इंडेक्स या स्टॉक को, किसी निश्चित समय पर, और किसी निश्चित प्राइस पर, खरीदने और बेचने का अधिकार मिलता है। ऑप्शन ट्रेडिंग में high risk और high rewards होता है।
हम सोचते हैं कि ऑप्शन ट्रेडिंग में अगर मार्केट तेजी से ऊपर जाता है तो हमें कॉल ऑप्शन खरीदना है, और जब तेजी से मार्केट नीचे गिरता है तो हमें पुट ऑप्शन बेचना है। लेकिन ऑप्शन ट्रेडिंग इससे कहीं ज्यादा है।
ऑप्शन ट्रेडिंग में हम कॉल ऑप्शन को खरीद और बेचकर, दोनों प्रकार से पैसे बना सकते हैं, और यही पुट ऑप्शन के साथ भी कर सकते हैं। लेखक बताते हैं कि ऑप्शन ट्रेडिंग में जब तक ट्रेडिंग के सभी component की जानकारी ना हो तब तक ऑप्शन ट्रेडिंग ना करें।
ऑप्शन ट्रेडिंग के कुछ component इस प्रकार है।
- ऑप्शन खरीदते समय हमें यह ध्यान रखना है कि हम किस प्रकार का ऑप्शन खरीद रहे हैं। क्योंकि तीन प्रकार से ऑप्शन ट्रेड होते हैं; ITM, ATM और OTM।
- ट्रेडिंग के महत्वपूर्ण component में डेल्टा, गामा, थीठा जैसे ऑप्शन Greeks भी शामिल हैं।
- ऑप्शन में समय मायने रखता है क्योंकि एक समय बाद सभी ऑप्शंस जीरो हो जाते हैं। इसलिए टाइम डीके के बारे में जानकारी होना जरूरी है।
ट्रेडिंग के कुछ महत्वपूर्ण टूल
स्टॉक मार्केट जानकारी का एक खेल है। हमारे पास जो भी जानकारी है उसका हम किस प्रकार से उपयोग करते हैं इसी से ट्रेडिंग में पैसे बनता है। मार्केट से पैसे बनाने के लिए मानसिकता और अभ्यास की आवश्यकता होती है।
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करने के लिए बहुत से ट्रेडिंग सिस्टम है और हम हर ट्रेडिंग सिस्टम से पैसा बना सकते हैं। लेकिन जरूरी यह है कि कौन-सा सिस्टम हमारी मानसिकता में फिट बैठता है और यह हमारे अलावा कोई दूसरा पता नहीं कर सकता।
इसलिए लेखक ट्रेडिंग सिस्टम को स्वयं बनाने पर अधिक जोर देते हैं। ट्रेडिंग में रिस्क मैनेजमेंट, मनी मैनेजमेंट, और सिस्टम मैनेजमेंट जैसे टूल भी शामिल है। जो हमारे पैसे को बचाने में मदद करते हैं।
ट्रेडिंग में हमारा सबसे बड़ा हथियार हमारी मानसिकता होती है। इसलिए लेखक इस बात पर अधिक जोर देते हैं कि हमारी मानसिकता और मार्केट की मानसिकता पर ध्यान दें कि वह किस प्रकार कार्य करती है।
अंत में हमें अपनी ट्रेडिंग ज्ञान को और अनुभव को हमेशा बढ़ाते रहना होगा। हम जितना अधिक अपनी गलतियों से सीख सकते हैं, उतना अधिक पैसा बना सकते हैं। इसलिए कभी भी मार्केट के बारे में सीखना बंद ना करें। ट्रेडिंग में पैसे बनाने के लिए इससे अच्छा सिस्टम नहीं है।
निष्कर्ष
How to Make Money With Breakout Trading बुक समरी में हमने पांच बातें सीखी, जो इस प्रकार है;
- ब्रेकआउट ट्रेडिंग करने से पहले हमें ब्रेकआउट सेंटीमेंट को पहचानना होगा, जो हमारे ब्रेकआउट को सही और गलत से अलग करते है।
- सही ब्रेकआउट पहचानने के बाद उससे पैसे बनाते या सीखते हैं तो ही हमारा ट्रेडिंग ज्ञान सफल होता है।
- मार्केट सेंटीमेंट पता करने के लिए बीते दिन के high और low अधिक मदद करते हैं।
- ऑप्शन ट्रेडिंग high risk और high rewards के साथ आती है।
- हम जितना सीख सकते हैं उतना ही अधिक पैसा बना सकते हैं।