The Little Book Of Common Sence Investing Hindi || The Little Book Of Common Sence Investing Book Summary Hindi

The Little Book of Common Sence Investing बुक समरी में हम Active और Passive निवेश, Expense Ratio, निवेश के प्रति दीर्घकालिक सोच, डायवर्सिफिकेशन और निवेश शिक्षा के महत्व के बारे में जानेंगे।

लेखक John C. Bogle द्वारा लिखित The Little Book of Common Sence Investing बुक निवेश करने वाले लोगों के कई सवालों के जवाब देती हैं। यह किताब निवेश को लेकर लिखी गई बेस्ट किताबों में से एक है। यह बुक हमें बताती हैं कि निवेश के लिए क्या बेहतर विकल्प है और यह बेहतर विकल्प क्यों है? साथ ही, इंडेक्स फंड और म्युचुअल फंड के बारे में भी बताते हैं।

निवेश करना जितना हमें आसान लगता है उतना ही मुश्किल भी है। क्योंकि आज के समय में जिन लोगों से हमें मार्केट की जानकारी प्राप्त होती है। वे भी नहीं जानते कि आगे क्या होने वाला है और उनकी जानकारी सही है या गलत।

The Little Book of Common Sence Investing Book Summary
The Little Book of Common Sence Investing Book Summary Hindi

    Active and Passive Investing

    Active निवेश, वे निवेश हैं जिनमें काम करना पड़ता है। और passive निवेश के अंतर्गत वे निवेश आते हैं जिसमें बहुत कम काम करना पड़ता है।

    एक्टिव निवेश का सबसे अच्छा उदाहरण म्युचुअल फंड है। म्युचुअल फंड इंडेक्स को मात देने के लिए या उससे बेहतर प्रदर्शन करने के लिए एक्टिव होकर निवेश करता है।

    म्युचुअल फंड पैसे बनाने के लिए, पेशेवर लोगों को हायर करता हैं और वे लोग मार्केट की न्यूज़ और ट्रेंड के अनुसार कम समय में होने वाले उतार चढ़ाव के अनुसार स्टॉक, बाण्ड, और कमोडिटी में पैसा लगाते हैं।

    पैसिव निवेश का सबसे अच्छा उदाहरण इंडेक्स फंड है। यह भी म्युचुअल फंड की तरह ही होता है लेकिन इसके अपने कुछ रूल्स होते हैं। इन रूल्स के अनुसार हमारा पैसा इंडेक्स के स्टॉक में उनके weightage के अनुसार लगाया जाता है। इसमें अधिक लोगों की आवश्यकता नहीं होती है, और नाही ट्रेंड और न्यूज़ के अनुसार स्टॉक खरीदे और बेचे जाते हैं।

    Expense Ratio

    किसी भी म्युचुअल फंड में निवेश करने के लिए और बेचने के लिए हमें कुछ चार्ज देने पड़ते है। यह चार्ज हर म्युचुअल फंड के अलग-अलग हो सकते हैं। और हर निवेशक को निवेश करने से पहले यह चार्ज जानना आवश्यक है।

    Active म्युचुअल फंड में अधिकतर देखा गया है कि चार्ज ज्यादा होते हैं। क्योंकि इस फंड को मैनेज करने के लिए मैनेजर्स और पेशेवर लोगों की आवश्यकता होती है। ये लोग बेहतर स्टॉक को चुनने के लिए कुछ फीस लेते हैं, ब्रोकरेज फीस, और कम समय तक स्टॉक होल्ड करने का टैक्स भी चुकाना पड़ता हैं। जिसके कारण एक्टिव म्युचुअल फंड का expense ratio बढ़ जाता है।

    पैसिव निवेश में या इंडेक्स फंड में अधिक लोगों की आवश्यकता नहीं होती हैं, और ना ही स्टॉक को बार-बार खरीदा और बेचा जाता है। जिसके कारण इंडेक्स फंड का एक्सपेंस रेशों कम हो जाता है, और कुछ में लगभग ना के बराबर भी होता है। लेकिन यह भी याद रखना चाहिए कि compounding प्रॉफिट के साथ-साथ compounding एक्सपेंस भी होते हैं जिससे हमारा रिटर्न कम हो जाता है।

    दीर्धकालिक सोच

    दो प्रकार से निवेश किया जाता है पहला जिन पैसों की हमें 3 से 4 साल में जरूरत होती है उसे कम समय के लिए निवेश किया जाता है। और जिन पैसों को काफी लंबे समय बाद हमें जरूरत होती है, उसे अधिक समय के लिए निवेश किया जाता है।

    Short term निवेश में मार्केट भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह हो सकता है कि हमने जब निवेश चालू किया, तब मार्केट बुलिस पक्ष में था और जब हमें अपनी निवेश के पैसों की आवश्यकता हो तब यह बेयरिश पक्ष में आ गया हो, जिससे हमें कम समय में लॉस हो सकता है। इसलिए निवेश करते वक्त यह ध्यान रखें, कि मार्केट अभी किस पक्ष में है और हमें पैसे की कब जरूरत पड़ेगी।

    जब हम long term की सोच रखकर इंडेक्स फंड में निवेश करते हैं तो हम यह मान सकते हैं कि हमारा पैसा बढ़ेगा ही बढ़ेगा। क्योंकि मार्केट कम समय में ऊपर-नीचे होता रहता है लेकिन लंबे समय में देखा जाए, तो यह हमेशा बढ़ता ही रहता है।

    लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि हम किसी भी फंड में निवेश करना शुरू कर दें। इसमें भी पूरी रिसर्च और अपना होमवर्क complete करने के बाद ही हमें किसी फंड में निवेश करने के बारे में सोचना चाहिए।

    Diversification

    विविधता का मतलब होता है बाट देना। स्टॉक मार्केट में हम यह नहीं जानते की कौन-सी कंपनी बेहतर प्रदर्शन करेगी, इसीलिए हम 5 से 10 कंपनियां ऐसी ढूंढते हैं जो हमें लगता है कि यह बेहतर प्रदर्शन कर सकती है, और अपने analysis के अनुसार उसमें पैसा लगाते हैं इसी को डायवर्सिफिकेशन कहते हैं।

    जो लोग डायवर्सिफिकेशन को ज्यादा महत्व नहीं देते हैं वे अंत में लॉस में ही जाते हैं। क्योंकि हम यह नहीं जानते कि 5 से 10 साल में कौन-सी कंपनी बेहतर प्रदर्शन करेगी। इस बात को भी याद रखें कि यहां पर हम ट्रेडर और बिजनेस ओनर की बात नहीं कर रहे हैं। यहां आम व्यक्ति की बात हो रही है जोकि अपने पैसे को बढ़ाने के लिए कंपनियों में निवेश करता है।

    डायवर्सिफिकेशन हमारी उन गलतियों को कम कर देता है जो हमारे एनालिसिस करते समय हुई होती है। क्योंकि हम जिन कंपनियों की एनालिसिस करते हैं उनमें से एक दो खराब प्रदर्शन भी कर सकती है लेकिन अधिकतर कंपनी में बेहतर ग्रोथ देखने की उम्मीद होती है।

    इसलिए लेखक diversification के महत्व पर जोर देते हैं। साथ ही यह भी बताते हैं कि अगर हम मार्केट में लंबे समय तक टिकना चाहते हैं तो हमें diversification की अधिक आवश्यकता नहीं होती है।

    निवेश की शिक्षा

    अगर हम सबसे अधिक रिटर्न की उम्मीद करते हैं और उसे प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमें शिक्षा के ऊपर निवेश करना चाहिए। क्योंकि सभी निवेश में रिस्क होता है, लेकिन ज्ञान ग्रहण करने में कोई रिस्क नहीं होता हैं।

    निवेश का ज्ञान हो तो हम म्यूच्यूअल फण्ड और इंडेक्स फण्ड दोनों से पैसा बना सकते है। लेकिन हम पैसा तो बनाना चाहते है, पर अपने ज्ञान पर निवेश नहीं करना चाहते है। हम निवेश को पैसा बनाने की मशीन समझते है और जो भी इंडेक्स फण्ड या म्यूच्यूअल फण्ड बेहतर आंकड़े दिखाता है, उसके साथ निवेश करने चले जाते है। और ये भी नहीं सोचते कि, आंकड़े क्या बता रहे है, और हम क्या कर रहे है।



    निवेश करना एक का प्रकार ज्ञान है जो पैसे से पैसा बनाता है।

    निवेश का ज्ञान ग्रहण करना हम सभी के लिए जरुरी है। लेकिन इस बात को बहुत से लोग जानते है, पर जानने वालों में से बहुत कम इसके महत्व को समझते हैं।

    लेखक हमें बताते है कि इंडेक्स फण्ड और म्यूच्यूअल फण्ड का ज्ञान हमें लंबे समय तक निवेश करने और उसके साथ बने रहने की हिम्मत देता है। साथ ही हम यह calculate कर सकते है कि हम कितने समय तक निवेश करना चाहते है, और हमें कितना एक्सपेंस चुकाना पड़ेगा, और अंत में हमें कितना मिलेगा।

    निष्कर्ष

    The Little Book of Common Sence Investing बुक समरी में हमने पांच महत्वपूर्ण बातें सीखी, जो इस प्रकार है;

    1. म्युचुअल फंड एक्टिव होकर काम करते हैं और इंडेक्स फंड पैसिव होकर काम करते है।
    2. Fund का expense ratios भी हमारे रिटर्न को काफी हद तक कम कर देता है।
    3. इंडेक्स फंड से पैसा बनाने के लिए हमें लंबे समय की सोच रखनी होगी।
    4. हमें निवेश से पैसा बनाने के लिए डायवर्सिफिकेशन को भी शामिल करना होगा, यह रिस्क को कम कर देता है।
    5. शिक्षा पर निवेश हमें बेहतर रिटर्न देता है।
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